Thursday, June 16, 2011

आज का अनुभव

आज का अनुभव  -
आज १६ जून को मै जब सुबह स्कूल पहुची तो मन थोड़ा उदास  हुआ  क्योकि स्कूल में केवल ७ ,८ बच्चे आये थे,,मै एकदम से कुर्सी पर बैठ गई और कई बाते दिमाग में आने लगी थी ,,,अभी कल ही मै लगभग बच्चो  के घर गई थी ,,यहाँ पर घर बहुत दूर दूर होते है ,,हम मैदानी इलाको में रहने वाले लोगो के लिए पहाड़ पर चढ़ना  बड़ा मुस्किल होता है,,यहाँ के लोगो को आदत है,,यहाँ के ३,४ साल के बच्चे भी मुझसे आगे आगे चलते है  मै एकदम थक जाती हूँ पर पर उनको जरा भी थकान महशुस नहीं होती है,,कल मेरे साथ २ बच्चे गए थे ,,करीब ७-८ km हम लोग चले होंगे ,मेरी तो हालत खराब हो गई थी ,,इससे पहले मै एक दिन में एक घर ही जाती थी,,लेकिन कल सभी के यहाँ जाना चाहती थी,,,लेकिन कुछ घरो में ही जा पाए  थे ,फिर वापस आ गई,,ये सोच कर की कल सभी बच्चे आयेंगे ,,लेकिन जब सुबह स्कूल में केवल कुछ ही बच्चो को देखा तो ,,मन बहुत खराब होने लगा था,,मै एकदम हतास हो गई,,,तभी एक बच्चे ने कहा की "दीदी आज गाना नहीं गायेंगे क्या?"  मैंने कहा की क्यों नहीं चलो ,,फिर हम लोगो ने गोल घेरा बनाया और रोज की तरह "हम होंगे कामयाब"शुरू किया,जैसे ही हम लोगो ने गाना सुरु किया ,,धीरे धीरे बच्चे आने लगे और हमारा घेरा बढ़ने लगा ,,और हमारा घेरा आज इतना बढ़ा था जो की इससे पहले कभी नहीं बढ़ा था ,,अभी आधे घंटे पहले वाली  मेरी उदासी कहा गायब हुई पता ही नहीं चला ,,फिर तो आज खूब जम के पढाई भी हुई और मस्ती भी हुई ,,आज स्कूल में ७० से ज्यादा बच्चे आये थे ,,,यहाँ के लोगो में पढाई को लेकर बिलकुल भी जागरूकता नहीं है,,केवल कुछ ही परिवार ऐसे है जो बच्चो को स्कूल भेजते  है,और कुछ बच्चे अपने मन से ही आते है ,,इस तरह स्कूल में रोज लगभग ३०-४० बच्चे आ जाते है ,,बाकि के बच्चे,कभी आते है कभी नहीं आते है ,,
यहाँ पर बहुत बच्चे है आने के लिए ,,धीरे धीरे सभी आने लगेंगे ,,
स्कूल में ६ बच्चे,,फूलकुमारी,पनमती,शिवचरण,किस्मती,आशा,मंजू,  ऐसे  है जो अब धीरे धीरे हिंदी पढना सिख रहे है ,,बाकि के बच्चे अभी basic पढाई ही कर रहे है,,मै सोच रही हूँ की जुलाई से मै नर्सरी व् क्लास १ शुरु करू 
आप अपनी राय दीजिये,,,,,,,,,,,,,,, क्या करना चाहिए ?   

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